गुलाबचन्द्र कुशवाहा जी ने बताया कि देवी देवताओं के मंदिरों में किसी भी निरीह पशुओं की बली न चढ़ाएं इससे देवी देवताओं का आशीर्वाद नहीं बल्कि श्राप मिलता है. 108 आरतीक्रम व नशा मुक्ति अभियान के संकल्प का 41 वां, 42वां, 43वां, 44 वां, 45 वां, 46 वां आरती क्रम समाज के बीच अलग-अलग स्थानों पर संपन्न किए गए.
भगवती मानव कल्याण संगठन के तत्वाधान में समाजसेवी श्री गुलाब चंद्र कुशवाहा जी ने जो 108 आरती क्रमों का संकल्प लिया था समाज के बीच में निरंतर हर मोहल्ले में समाज के बीच में उपस्थित होकर संपन्न किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मंडी समिति/ पुरानी पुलिस लाइंस/ पलहरी तालाब मंदिर परिसर /पद्माकर चौराहा/ पीतांबरा माई मंदिर/ महेश्वरी माता मंदिर परिसर में आरती के आयोजन संपन्न किए गए. इन क्रमों में सैकडो भक्तों ने लाभ लिया.
समाज सेवी गुलाबचंद्र कुशवाहा जी ने कहा कि इस युग में कर्म की प्रधानता है जो कुछ भी आपने किया है फल के रूप में वही जीवन में घटित होता है समस्याओं से परेशान ना हो इनसे निजात पाने के लिए धर्म और धैर्य धारण करना होगा. धीरे-धीरे समस्याओं का निदान होता चला जाएगा साधक वह होता है जो मानवीय कर्तव्यों को पूरा करता है नशे मांस से मुक्त चरित्रवान होना चाहिए और आत्म तत्व, गुरु तत्व, प्रकृति तत्व को एक समान समझना चाहिए.
आत्मा और परम सत्ता के बीच की एकमात्र कड़ी है गुरु सच्चा भक्त वह होता है जो सत्कर्म करते हुए मां और गुरु की भक्ति में लीन रहता है, नशे मांस से मुक्त चरित्रवान जीवन जीने आत्म कल्याण करें और जन कल्याण करें. इस कार्यक्रम में मनोज विश्वकर्मा, उमेश कुमार पांडे, मालती जी, स्नेहलता जी, सुमन जी, धर्मेंद्र जी, सीताराम जी, पप्पू सिंह जी, विमलेश जी, दिवाकर जी, दिलीप कुमार जी, सुरेश कुमार जी मोंटू गुप्ता जी, इमरान खान जी, पारुल जी, उमेश तिवारी जी, वीरेंद्र सिंह जी, सी.पी दादाजी, रोहित अग्रवाल जी, अनमोल जडिया जी, महेश प्रसाद गुप्ता जी, मयंक दादा जीसहित सैकड़ों भक्त शामिल रहे.