ग्राम पंचायतों में आयोजित जनजागरण कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समाज को शराबबंदी और सामाजिक सुधार के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने शराब सेवन के बढ़ते दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार नशा परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाता है। ग्रामीण समुदाय को प्रेरित किया गया कि वे नशामुक्त समाज की दिशा में सामूहिक रूप से आगे आएं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।
इन कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठन के सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों ने यह स्पष्ट कहा कि सामाजिक सुधार केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं को नशे के विरुद्ध जागरूक करने पर जोर दिया गया, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण तैयार किया जा सके।
जनजागरण कार्यक्रमों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई। प्रतिभागियों ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार किया और सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कार्य करने का संकल्प भी लिया। इस पूरे आयोजन ने ग्रामीण समाज में नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार किया, जिससे सामाजिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।